![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/Vastu-Banner.jpg)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/Vastu-Banner.jpg)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/vastu-for-frontyard.png)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/vastu-for-frontyard.png)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/color.jpeg)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/color.jpeg)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/vastu-tips-for-home.jpg)
![](http://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/10/vastu-tips-for-home.jpg)
About Us
भगवान ने कहा, दिव्य दुनिया सबसे परे है जो प्रकृति के तीन लक्षणों (त्रिगुण) से मुक्त है (प्रकृति)।” –
श्रीमद्भगवद् गीता (18.40)
वास्तु क्लास आपको अधिक खुशी, स्वास्थ्य, धन और उत्कृष्टता के साथ रहने में मदद करता है। जमीनी स्तर पर सहज वास्तु विद्वानो व वास्तु स्थापात्य के विद्वानो द्वारा समर्थित लघु अवधि के पाठ्यक्रमों के माध्यम से वैदिक वास्तुकला -वास्तु स्थपति की ज्ञान व्यवहार आचरण विधि सीखने की सुविधा प्रदान करता है। वैदिक वास्तुकला (वास्तु शास्त्र) पर अपने व अनेक विदवानो के शोध सहयोग में, ने पाया कि एक इमारत में तीन गुण (राजस, सात, तमस) दिशाओं का प्रभुत्व है। इन तीनों गुणो की विविध रचनाएँ (5 तत्व) व दिशाओं निश्चित गुण प्रदान करती हैं जो कि आवासों के जीवन पहलुओं को नियंत्रित करती हैं। हमारी पद्धति अस्तित्व के तीन पद- स्वयं, पर्यावरण और ब्रह्मांड से उत्पन्न दर्द को मिटाने की तकनीक और समाधान देती है।
समर्पित विद्वान व वास्तु स्थपति हर माह मे अपने सामूहिक योगदान के रूप में सलाह/क्लास अर्थात प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं, यह वास्तु सलाह व प्रशिक्षण आप के जीवन के दर्द को मिटाने में मदद करते है। वास्तु देश, जातीयता, जाति, धर्म, वर्ग, स्थिति या लिंग के आधार पर किसी भी भेदभाव से मुक्त होकर सभी को प्रभावित करता है ओर हम अपनी सलाह व प्रशिक्षण से आम जनमानस के जीवन मे पुर्ण सकरात्मक्ता भरते है
![](https://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/11/81MttJ7qN4L.png)
![](https://vastuclass.in/wp-content/uploads/2020/11/WhatsApp-Image-2020-11-22-at-5.34.58-PM.jpeg)