वास्तु में रुचि रखने वाले मित्रों के लिए
विदिशा घर में दो तत्व के क्षेत्र बड़े और दो तत्व के क्षेत्र छोटे हो जाते हे । जब की सुसंगतता तब कहलाती हे जब चारो तत्व एक समान क्षेत्र ( वॉल्यूम) के हो । इसी कारण विदिशा गृह में ऊर्जा संतुलित नही रहती ।
उदाहरण के तोर पे अगर एक 18डिग्री पूर्वी झुकाव विदिशा गृह को देखे तो यहां अग्नि और वायुका क्षेत्र , जल और भूमि के सापेक्ष नोंधनीय कम हे ।
मतलब ऐसे गृह में व्यापार मंदा रहेगा साथ ही यहां रहने। वाले लोगो के शरीर में वायु एवम अग्नि की कमी होगी ।
और यही ऊर्जा की मात्रा अवकाश तत्व में भी कमी पाई जायेगी ।
साथ ही ऊर्जा के भ्रमण में अवरद्ध पैदा होगा ।