अक्षर ध्वनि विज्ञान में रुचि है तो पूरा पढ़े—- हो सकता है प्रश्न या उत्तर आपके मन की जिज्ञासा से जुड़ा हो
प्रश्न
हर अक्षर का संबंध किसी नक्षत्र से है, ऐसे ही कोई शब्द कई अक्षर और नक्षत्रों के मेल से बनता है,
हर वह नाम जो अपना पूर्ण उपयोग कर चुका, उसका भौतिक सुख में दोहराया जाना उतना लाभदायक नहीं रहता,
जैसे राजा, राम, कृष्ण अमिताभ,
कह सकते हैं कि वह घिस चुके, ऐसे ही नए नए शब्द/नाम ब्रम्हांड में अपने हिस्से की ऊर्जा बना लेते है,
उत्तर :- आदरणीय ध्वनि के अंदर घिसने जैसा कोई विषय नहीं होता अक्षर ध्वनि जितनी गुंजायमान होगी उतनी शक्तिशाली होगी लेकिन विशेष शक्ति किसी विशेष सुख प्रदान करती है
आपके प्रश्न इस तरह का है कि इसमें उत्तर देने का मन भी है लेकिन यह बहुत बड़ा विषय है फिर भी मैं कुछ थोड़े शब्दों में कुछ अधिक बताने का प्रयास करता हूं
ज्योतिष के अंतर्गत एक नक्षत्र राशि से संबंधित चरण का अपना अपना मैत्री भाव होता है लेकिन इसके अतिरिक्त ध्वनि का भी अपना एक मैत्री भाव होता है जो नक्षत्र राशि से ऊपर है
जिस तरह से स वाले अक्षर के लिए म अक्षर बहुत ही अच्छा रहता है पर म वाले अक्षर के लिए स उतना अच्छा नहीं रहता
इसी तरह से स से प ❌
प से स ✅
र से प ✅
प से र ✅
ज से स ✅️
स से ज ❌
कुछ अक्षर अर्थात चरण स्त्री के लिए अधिक अच्छे होते हैं कुछ पुरुषों के लिए अधिक अच्छे होते हैं
यह एक पूरा पाठ्यक्रम है जो मैंने 15 वर्ष के अनुभव के उपरांत अभी कुछ वर्ष से इस विषय में रुचि रखने वालों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है
जिसका पहला सत्र 13 विद्यार्थियों के साथ पूरा किया है और यह वह विद्वान है जो ज्योतिष और वास्तु में 20 से 25 , 30 वर्ष का अनुभव रखते हैं
आदरणीय दूसरे प्रश्न के लिए
एक अंतिम लाइन और लिखना चाहूंगा आपके माध्यम से जो पढ़ने को मिला वर्णमाला में जो स अक्षर के लिए मैत्री भाव रखते हैं उनमें से बहुत सारे अक्षर श के लिए बिल्कुल नहीं रखते
और इसी तरह से यह विज्ञान अपने आप में एक अनूठा ज्ञान है इसके अंदर नाम स्पेलिंग के कोई मायने नहीं होते और जो लोग नाम के स्पेलिंग की संख्या बढ़ाकर या घटाकर अपने नाम को लिखते हैं उनके नाम की ध्वनि में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होता *जिसकी वजह से वह केवल नाम के प्रतीकात्मक अंतर होने का लाभ उठाते हैं
इस बात से अनुमान लगाया जा सकता है कि यदि प्रतीकात्मक अंतर आने से उन्हें लाभ पहुंचा है तो नाम अक्षर ध्वनि अपने आप में उन्हें कितना लाभ देती होगी या दे सकती है
भारतवर्ष में यह मैंने पहली बार अपना पाठ्यक्रम शुरू किया और यह पाठ्यक्रम बहुत सारे विद्वानों आग्रह पर शुरू किया
क्योंकि मैं पिछले 15 वर्षों से इस पर कार्य कर रहा था वह मुझे कार्य करते देखते थे तो उनके अंदर भी जिज्ञासा उत्पन्न होती थी कि कि वह भी इस विषय पर काम करें
यदि आप भी अक्षर ध्वनि विज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं या इस विषय के महत्व को जानना चाहते हैं तो दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं
अक्षर ध्वनि विज्ञान विशेषज्ञ
सुनील कुमार आर्यन 90500-90511