जन्मकुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभाव के कारण किसी जातक के विवाह में देरी अथवा बाधा आ सकती है। कई बार बहुत प्रयासों के बाद भी विवाह योग नहीं बन पाता है। ग्रहीय दशा के कारण विवाह में देरी अथवा बाधा उत्पन्न होती है। बृहस्पति के शुभ प्रभाव में विवाह से जुड़ी सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति देव को प्रसन्न करने से विवाह में आ रही सभी रूकावटें दूर होती हैं। शीघ्र विवाह के इच्छुक जातकों को गुरूवार के दिन बृहस्पति देव को प्रसन्न करना चाहिए एवं पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीला फूल, चने की दाल, गुड़ इत्यादि चढ़ाने से लाभ होगा। गुरूवार के दिन व्रत रखने से भी लाभ होगा। इसके अलावा शिव-पार्वती के पूजन से आपको उत्तम जीवनसाथी का वरदान मिल सकता है। मान्यता है कि शिव-पार्वती के पूजन से जातक को सौभाग्य प्राप्त होता है और विवाह से जुड़ी सभी प्रकार की बाधाओं का अंत होता है।
इसके अतिरिक्त शुक्ल पक्ष के दौरान कन्या गुरूवार के दिन पानी में हल्दी डालकर स्नान करें, अवश्य ही लाभ होगा। यदि कन्या हल्दी मिला जल आधा केले के पेड़ और आधा पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं तो उसके विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगीं। जल चढ़ाते समय ‘ऊं बृं बृहस्पतये नम:’ का जाप करें।