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मृत्यु और कैसे होगी ? लग्नेश और नवांश से

मृत्यु और कैसे होगी ?  लग्नेश और नवांश से–

ज्योतिष में जीवन अवधि का विचार सामान्यतः अष्टम भाव से किया जाता है। इसके साथ ही अष्टमेश, कारक शनि, लग्न-लग्नेश, राशि-राशीश, चंद्रमा, कर्मभाव व कर्मेश, व्यय भाव व व्ययेश तथा इसके अलावा प्रत्येक लग्न के लिए मारक अर्थात् शत्रु ग्रह, द्वितीय, सप्तम, तृतीय एवं अष्टम भाव तथा इनके स्वामियों तथा शुभ एवं अशुभ पाप ग्रहों द्वारा डाले जाने वाले प्रभाव पर भी विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

लग्नेश के नवांश से मृत्यु का ज्ञान प्राप्त होता है तथा जन्म कुंडली में लग्न चक्र और नवांश चक्र को देखकर यह बताया जा सकता है की मृत्यु कब, कहाँ, कैसे होगी 

लग्नेश का नवांश मेष हो तो पित्तदोष, पीलिया, ज्वर, जठराग्नि आदि से संबंधित बीमारी से मृत्यु होती है।

 लग्नेश का नवांश वृष हो तो एपेंडिसाइटिस, शूल या दमा आदि से मृत्यु होती है।

लग्नेश मिथुन नवांश में हो तो मेनिन्जाइटिस, सिर शूल, दमा आदि से मृत्यु होती है।

 लग्नेश कर्क नवांश में हो तो वात रोग से मृत्यु हो सकती है।

लग्नेश सिंह नवांश में हो तो व्रण, हथियार या अम्ल से अथवा अफीम, मय आदि के सेवन से मृत्यु होती है।

कन्या नवांश में लग्नेश के होने से बवासीर, मस्से आदि रोग से मृत्यु होती है।

 तुला नवांश में लग्नेश के होने से घुटने तथा जोड़ो के दर्द के इलाज के दैरान अथवा किसी चतुष्पद जानवर के आक्रमण के कारण मृत्यु होती है।

लग्नेश वृश्चिक नवांश में हो तो संग्रहणी, यक्ष्मा आदि से मृत्यु होती है।

लग्नेश धनु नवांश में हो तो विष ज्वर, गठिया आदि के कारण मृत्यु हो सकती 

लग्नेश मकर नवांश में हो तो अजीर्ण, अथवा, पेट की किसी अन्य व्याधि से मृत्यु हो सकती है।

लग्नेश कुंभ नवांश में हो तो श्वास संबंधी रोग, क्षय, भीषण ताप, लू आदि से मृत्यु हो सकती है।

लग्नेश मीन नवांश में हो धातु रोग, बवासीर, भगंदर, प्रमेह, गर्भाशय के कैंसर आदि से मृत्यु होती है।

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