You are currently viewing “राम” से बड़ा राम का “नाम

“राम” से बड़ा राम का “नाम

प्रसिद्ध संत शिवानंद निरंतर राम का नाम जपते रहते थे। एक दिन वे जहाज पर यात्रा के दौरान रात में गहरी नींद में सो रहे थे। आधी रात को कुछ लोग उठने लगे और आपस में बात करने लगे कि ये राम नाम कौन जप रहा है। लोगों ने उस विराट, लेकिन शांतिमय आवाज की खोज की और खोजते-खोजते वे शिवानंद के पास पहुँच गए।सभी को यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ की शिवानंद तो गहरी नींद में सो रहे है, लेकिन उनके भीतर से यह आवाज कैसे निकल रही है। उन्होंने शिवानंद को झकझोर कर उठाया तभी अचानक आवाज बंद हो गई। लोगों ने शिवानंद को कहा आपके भीतर से राम नाम की आवाज निकल रही थी इसका राज क्या है। उन्होंने कहा मैं भी उस आवाज को सुनता रहता हूँ। पहले तो जपना पड़ता था राम का नाम अब नहीं। अब यह काम मेरी आत्मा करती है।

जो लोग ध्वनि विज्ञान से परिचित हैं वे जानते हैं कि ‘राम’ शब्द की महिमा अपरम्पार है।

जब हम ‘राम’ कहते हैं तो हवा या रेत पर एक विशेष आकृति का निर्माण होता है। ठीक उसी तरह चित्त में भी विशेष लय आने लगती है। जब व्यक्ति लगातार ‘राम’ जप करता रहता है तो रोम-रोम में प्रभु श्रीराम बस जाते हैं एक अद्भुत ऊर्जा चक्र के रूप में। उसके आसपास सुरक्षा का एक आभामंडल बन जाता है। भगवान राम के जन्म के पूर्व इस नाम का उपयोग ईश्वर के लिए होता था अर्थात ब्रह्म, परमेश्वर, ईश्वर आदि की जगह पहले ‘राम’ शब्द का उपयोग होता था, इसीलिए इस शब्द की महिमा और बढ़ जाती है। राम’ शब्द की ध्वनि हमारे जीवन के सभी दुखों को मिटाने की शक्ति रखती है। ध्वनि विज्ञान पर शोध करने वाले वैज्ञानिक बताते हैं कि राम नाम के उच्चारण से मन शांत हो जाता है।

अपने गांव में , कस्बों में पहले के पूर्वज असंख्य पन्ने सिर्फ राम राम लिख कर भर देते थे अपने जीवन काल में क्यूंकि विज्ञान से अनभिज्ञ होकर भी उन्हें इस नाम के ताकत की जानकारी थी।

 

आज कहीं तुलसी आनंद मना रहे होंगे। श्री हनुमंत लाल जी नृत्य कर रहे होंगे। आईये हम समस्त सनातन वंशज भी वैर भाव,,,शोक दुख सब भुलाकर उत्सव मनाते हैं क्यूंकि….

         सब के राम सब में राम जय श्री राम 

Leave a Reply