You are currently viewing यह होते हैं अलग अलग रंग से बने स्वस्तिक के लाभ ,

यह होते हैं अलग अलग रंग से बने स्वस्तिक के लाभ ,

यह होते हैं स्वस्तिक के लाभ

स्वस्तिक हर दिशा से देखने पर समान दिखाई देता है इसलिये घर के वास्तु को ठीक करने के लिये यह बहुत लाभकारी माना जाता है दरअसल स्वस्तिक को वास्तुशास्त्र में वास्तु का प्रतीक भी माना गया है। मान्यता है कि यदि घर के मुख्य द्वार पर दोनों और अष्ट धातु का स्वस्तिक लगाया जाये और द्वार के ठीक ऊपर मध्य में तांबे का स्वस्तिक लगाया जाये तो इससे समस्त वास्तुदोष दूर हो जाते हैं। स्वास्तिक के प्रयोग से धनवृद्धि, गृहशान्ति, रोग निवारण, वास्तुदोष निवारण, भौतिक कामनाओं की पूर्ति, तनाव, अनिद्रा व चिन्ता से मुक्ति मिलती है। जातक की कुण्डली बनाते समय या कोई शुभ कार्य करते समय सर्वप्रथम स्वास्तिक को ही अंकित किया जाता है। ज्योतिष में इस मांगलिक चिह्न को प्रतिष्ठा, मान-सम्मान, सफलता व उन्नति का प्रतीक माना गया है।

– जीवन में यदि परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो पंच धातु के स्वस्तिक को प्राण प्रतिष्ठा करवाकर चौखट पर लगवाने से सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये चांदी में नवरत्न लगवाकर पूर्व दिशा में स्वस्तिक लगाया जाता है। 

– घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिह्न बनाने से यदि आपके घर में कोई हमेशा बीमार रहता है या कोई परेशानी चल रही है तो  वह दूर हो जाएगी । हल्दी से अंकित स्वास्तिक शत्रु का शमन करता है।  –

–  यदि आपके घर के सामने पेड़ या खंभा है तो यह एक अशुभ संकेत है। इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रोज स्वास्तिक बनाएं।

– व्यापार में वृद्धि के लिये भी कार्यस्थल पर विद्वान आचार्य से स्वस्तिक का निर्माण करवाया जाता है। 

– । अपने ईष्टदेव का यदि कोई पूजास्थल है तो उनके आसन के ऊपर भी स्वस्तिक चिन्हं जरुर बनाना चाहिये।

– इतना ही नहीं देव स्थान पर स्वस्तिक बनाकर यदि नियमित रुप से उस पर पंच धान्य या दीपक जलाकर रखा जाये तो पूजा के समय जिस भी कार्य के पूर्ण होने की कामना करते हैं वह जरुर पूर्ण होता है। 

– स्वस्तिक मनोकामनाओं या फिर धन लाभ के लिये ही नहीं अपितु स्वास्थ्य के लिये भी लाभदायक होता है। बुरे सपने आपको परेशान करते हैं या फिर बेचैनी के कारण आपको नींद आने में परेशानी होती है तो सोने से पहले अपनी तर्जनी से हथेलियों पर स्वस्तिक बनाकर सोयें, फर्क खुद ब खुद महसूस करेंगें।

यदि आप मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो किसी भी मंदिर में कुमकुम या गोबर का उल्टा स्वास्तिक चिन्ह बना लें और जैसे ही आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब आप मंदिर में सीधा स्वास्तिक बनाएं।

– पितरों की कृपा प्राप्ति के लिये भी स्वस्तिक लाभकारी होता है।घर में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में पितरों की कृपा और सुख व समृद्धि के साथ शान्ति भी आती है।

 सदैव कुमकुम, सिन्दूर व अष्टगंध से ही स्‍वास्‍तिक का चिह्न अंकित करना चाहिए।

जानिए किस रंग/सामग्री से बनायें स्वस्तिक

ज्यादातर मौकों पर स्वस्तिक को हल्दी से ही बनाया जाता है। ईशान या उत्तर दिशा में दीवार पर यदि पीले रंग का स्वस्तिक बनाते हैं तो यह घर में सुख शांति बनाये रखने में लाभकारी होता है। इसी प्रकार मांगलिक कार्य के लिये लाल रंग का स्वस्तिक बनाना शुभ रहता है। सामग्री के तौर पर केसर, सिंदूर, रोली और कुंकुम का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।

काला स्वास्तिक 

जिस प्रकार लाल रंग का स्वास्तिक का चिन्ह घर की खुशहाली का द्योतक हैं ठीक उसी प्रकार कोयले से बना काला स्वास्तिक बुरी नजर और बुरे समय को दूर करने के लिए बेहद ही उपयोगी और अचूक उपाय माना जाता हैं । काला स्वास्तिक भूत – प्रेत अर्थात शमशानी शक्तियों से घर को मुक्त रखने के लिए बेहद उपयोगी होता हैं क्योंकि यह इन सभी बुरी शक्तियों को अपने बस में कर लेता हैं ।

बुरी नजर से बचने के लिए भी काला स्वास्तिक बहुत ही शुभ होता हैं। बुरी नजर से अपने घर को बचाने के लिए होली के दिन एक भोजपत्र लें और उस पर होली की जली लकड़ी के कोयले से काला स्वास्तिक बना लें । अब इस भोजपत्र को अपने, घर के बाहर लगाऐं या गले में धारण कर लें ।गले में भोजपत्र को धारण करने पर आपको किसी की बुरी नजर नहीं लगेगी तथा आपके जीवन में शुभता आएगी ।

यदि आपके घर परिवार के सदस्यों पर या आपके व्यवसाय को किसी की बुरी नजर लग गई हैं तो इस बुरी नजर के कुप्रभाव से बचने के लिए अपने घर के मुख्य द्वार पर होली के कोयले से एक स्वास्तिक का चिन्ह बना लें। मुख्य द्वार की दीवार पर काले स्वास्तिक के चिन्ह को बनाने से आपके घर पर किसी भी व्यक्ति की बुरी नजर का प्रभाव नहीं होगा ।

लाल स्वास्तिक

सामान्यत: हम अपने घर के प्रवेश द्वार पर कुमकुम या रोली का इस्तेमाल कर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं. स्वास्तिक के चिन्ह को बहुत ही पवित्र तथा शुभ माना जाता हैं। स्वास्तिक के चिन्ह को श्री गणेश भगवान का प्रतीक माना जाता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि स्वास्तिक के चिन्ह को बनाने से घर पर इसका शुभ प्रभाव पड़ता हैं तथा घर में सुख, समृद्धि आती हैं ।

 

यदि किसी व्यक्ति को रात को सोते समय बुरे सपने आते हैं तो इसके लिए सोने से पहले अपनी तर्जनी उंगली पर लाल स्वास्तिक का चिन्ह बना लें और इसके बाद सोने के लिए जाएँ । इस चिन्ह को बनाने के बाद जब आप सोने जायेंगें तो आपको चैन की नींद आएगी तथा आपको बुरे सपने नहीं आयेंगे ।

अशुद्ध स्‍थानों पर ना बनाएं स्‍वास्‍तिक

स्वास्तिक का प्रयोग शुद्ध, पवित्र एवं सही ढंग से उचित स्थान पर करना चाहिए। शौचालय एवं गन्दे स्थानों पर इसका प्रयोग वर्जित है। ऐसा करने वाले की बुद्धि एवं विवेक समाप्त हो जाता है। दरिद्रता, तनाव एवं रोग एवं क्लेश में वृद्धि होती है।

स्वास्तिक के इन अचूक उपायों को करने से आपको बहुत फायदा मिलता है। यदि आप चाहते हैं कि सभी तरह के कष्ट और रोग आपके घर से दूर हों तो आप इन बताए गए उपायों को ध्यान से और विशवास के साथ करें। 

Leave a Reply