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व्यापार वृद्धि यंत्र | व्यापार वृद्धि यंत्र को अभिमंत्रित करने की विधि

व्यापार वृद्धि यंत्र | व्यापार वृद्धि यंत्र को अभिमंत्रित करने की विधि

हर कोई चाहे वह छोटा व्यापारी हो या फिर बड़े स्तर पर व्यवसाय करता हो, हानि होने की दशा में चिंतित होने लगता है | लगातार व्यवसाय में हानि की दशा में व्यापारी हताश होने लगता है | व्यवसाय छोटे स्तर पर किया जाए या बड़े स्तर पर, एक अपेक्षित लाभ को ध्यान में रखकर ही किया जाता है | किसी भी व्यवसाय में उचित लाभ न मिलने पर व्यापारी का चिंता करना स्वाभाविक होता है | व्यवसाय/ शुरू करते समय व्यापार के सभी पहलु पर सभी ध्यान देते है किन्तु कभी-कभी गृह-नक्षत्र अनुरूप न होने के कारण या फिर किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव आपके व्यवसाय को प्रभावित कर सकता है |

आज हम आपको एक ऐसे यंत्र के विषय में जानकारी देंगे जिसे भोजपत्र पर अष्टगंधा की स्याही से बनाकर अपनी दुकान या फिर ऑफिस में रखने से व्यापार में वृद्धि होने लगती है 

 व्यापार वृद्धि यंत्र :

शुभ मुहूर्त में पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाए | मुख में मिश्री लेकर उपरोक्त यंत्र को अष्टगंधा की स्याही से दाड़िम की लेखनी से तैयार करना चाहिए | यंत्र बनाते समय मन ही मन अपने ईष्ट देव का ध्यान करते रहे |

उपरोक्त व्यापार वृद्धि यंत्र बहुत ही प्रभावशाली यंत्र है | व्यापार से सम्बंधित नजर दोष दूर करने में भी यह प्रभावी सिद्ध होता है | यंत्र को बनाकर अपनी दुकान अथवा ऑफिस में स्थापित करें या फिर आप इसे अपने गल्ले में भी रख सकते है | अपने ग्राहकों के प्रति अच्छा व्यवहार बनाये | आपकी वाणी की मिठास न केवल आपके कर्मचारियों को प्रेरित करती है बल्कि आपके ग्राहकों को भी आपके पास बार-बार आने के लिए आकर्षित करेगी | किसी ने सच ही कहा है कि वाणी में मिठास दूसरों को न केवल प्रभावित करती है बल्कि यह एक प्रकार से वशीकरण का कार्य भी करती है |

व्यापार वृद्धि यंत्र को अभिमंत्रित करने की विधि :

उपरोक्त यंत्र को भोजपत्र पर निर्मित करके इसे अच्छे से लेमिनेशन करा ले | दीपावली-होली-गुरु पूर्णिमा -नवरात्रि के समय या श्रावण माह उपरोक्त यंत्र को अभिमंत्रित करने के लिए सबसे उपयुक्त समय है | इसके अतिरिक्त आप सोमवार के दिन भी इस यंत्र को अभिमंत्रित कर सकते है | सुबह-सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पूर्व दिशा की तरफ आसन बिछाकर बैठ जाए | धुप और दीपक प्रज्वल्लित करें | यंत्र को गंगाजल से अच्छे से स्नान कराये | यंत्र को कुमकुम आदि से तिलक करें |

अब भगवान श्री गणेश के स्तुति मंत्र द्वारा उनका स्मरण करें | दायें हाथ में थोडा जल लेकर संकल्प ले : हे परमपिता परमेश्वर मैं( अपना नाम बोले) गोत्र(अपना गोत्र बोले) इस व्यापार वृद्धि यंत्र को अपने व्यवसाय में वृद्धि प्राप्ति हेतु अभिमंत्रित कर रहा हूँ इस कार्य में मुझे सफलता प्रदान करें | ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे और बोले : ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु -ॐ श्री विष्णु |

अब आप अपने ईष्ट देव का ध्यान करते हुए, अपने ईष्ट देव के 5000 मंत्र जप द्वारा यंत्र को अभिमंत्रित करें | मंत्र जप पूर्ण होने पर फिर से हाथ में जल लेकर बोले : हे परमपिता परमेश्वर मैंने ये जो मंत्र जप व्यापार वृद्धि यंत्र को अभिमंत्रित करने हेतु किये है इन्हें मैं अपने कार्य की पूर्णता हेतु श्री ब्रह्म को अर्पित करता हूँ | ऐसा कहते हुए जल को नीचे जमीन पर छोड़ दे |

अब यंत्र को हाथ में लेकर ईष्ट देव के मंत्र का जप करते हुए दीपक के ऊपर से 21 बार घुमाये | इस प्रकार करने से व्यापार वृद्धि यंत्र अभिमंत्रित हो जाता है | इस यंत्र के प्रयोग से न केवल आप अपने व्यापार में उन्नति करते है बल्कि स्वयं को आने वाली बाधाओं व संकटों से दूर रखने में सक्षम होते है |

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