व्यापारिक संस्थान के मालिक को दक्षिण-पश्चिम या नैर्ऋत्य में इस प्रकार बैठना चाहिए कि उसका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर हो।
दुकान या शोरूम में बिक्री का सभी बनाना चाहिए। सामान दक्षिण-पश्चिम एवं वायव्य में रखना चाहिए।
बिक्री काउंटर पर खड़े सेल्समैन का मुंह पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।
कैश काउंटर, मालिक या मैनेजर के स्थान के ऊपर कोई बीम नहीं होना चाहिए।
दुकान या शोरूम में भारी वस्तुएं नैर्ऋत्य में रखें। कम उपयोगी वस्तुएं भी नैर्ऋत्य में रखें।
जो माल काफी दिनों से न बिक रहा हो उसे वायव्य कोण में रख दें, शीघ्र बिक जायेगा ।
मुख्य कार्यालय का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व की ओर रखें।
कार्यालय में कैंटीन आग्नेय कोण में बनाना चाहिए।
सभी के बिनों के द्वार अंदर की ओर रखें।
कार्यालय में खजांची एवं लेखा विभाग के कर्मचारियों को उत्तर दिशा में बिठाना चाहिए ।
स्वागत कक्ष प्रवेश घर के समीप होना चाहिए व स्वागतकर्ता का मुंह पूर्व या उत्तर की तरफ हो ।
स्वागत कक्ष में उत्तर-पूर्व की तरफ सजावटी पौधे व फलों के गमले लगाना चाहिए।
स्वीमिंग पूल उत्तर या पूर्व दिशा में
सीढ़ियों की संख्या विषम होना शुभ होता है।
रेस्टोरेंट का डायनिंग हॉल पश्चिम
में बनाना चाहिए। आवश्यकता पड़ने पर दक्षिण या पूर्व में बनाना चाहिए । रेस्टोरेंट में रसोई आग्नेय में तथा वितरण काउंटर वायव्य में बनाया जा सकता है।
अस्पताल या नर्सिंग होम में दक्षिण का द्वार नहीं होना चाहिए।
अस्पताल का आपातकालीन वार्ड वायव्य के समीप उत्तर दिशा में होना चाहिए।
अस्पताल में गहन चिकित्सा कक्ष (आई. सी. यू.) वायव्य में बनाना चाहिए ।
अस्पताल में प्रसूति वार्ड ईशान एवं पूर्व के बीच बनाना चाहिए।
अस्पताल में शल्य चिकित्सा विभाग पश्चिम में बनाना चाहिए।
नैर्ऋत्य कोण में कोई वार्ड नहीं बनाना चाहिए।
रोगियों के कमरे दक्षिण में नहीं बनाना चाहिए।
रोगियों के सिर उत्तर में नहीं होना चाहिए।
मुर्दाघर या पोस्टगार्ड का कमरा दक्षिण में बनायें ।