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इस साल सावन एक नहीं बल्कि दो महिने तक चलेगा

 इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो चरणों में मनाया जाएगा.  

इस बार सावन पहले 13 दिन यानी 4 जुलाई 2023 से 17 जुलाई 2023 तक चलेगा.

इसके बाद 18 जुलाई 2023  से 16 अगस्त 2023 तक अधिक मास मलमास रहेगा.

 इसके बाद 17 अगस्त को फिर से सावन शुरू हो जाएगा. यानी दो चरणों में सावन का महीना मनाया जाएगा. 

शिव भक्तों को सावन के महीने का इंतजार रहता है। सावन में पूरे एक महीने भक्त महादेव की भक्ती में लीन रहते हैं। प्रसिद्ध शिव मंदिरों में इस पावन महीने में खास व्यवस्था और तैयारियां की जाती हैं, 

जहां दूर-दूर से श्रद्धालु भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुंचते हैं। इस बार भगवान नीलकंठ को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को दो महीने का समय मिलेगा।

 दरअसल, इस साल सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो महीने तक का होगा। कहा जा रहा है कि ऐसा दुर्लभ संयोग करीब 19 साल बाद बना है, जब सावन 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा। 

वैदिक पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है।

 वर्ष पंचांगों में एक चन्द्र मास की वृद्धि कर दी जाती है। लोकव्यवहार में इसी को ‘अधिक मास’ के अतिरिक्त ‘अधि-मास’, ‘मलमास’ तथा आध्यात्मिक विषयों में अत्यन्त पुण्यदायी होने के कारण ‘पुरुषोत्तम मास’ आदि नामों से भी विख्यात है। 

 एक सौरवर्ष का मान 365 दिन, 6 घण्टे एवं 11 सैकिण्ड के लगभग है, जबकि चान्द्र वर्ष 354 दिन, एवं लगभग 9 घण्टे का होता है।  

दोनों वर्षमानों में प्रतिवर्ष 10 दिन, 21 घण्टे 9 मिन्ट का अन्तर अर्थात् लगभग 11 दिन का अन्तर पड़ श्रावण अधिक जाता है।

पुरुषोत्तम मास का माहात्म्य एवं कर्त्तव्

इस मास की मलमास की दृष्टि से जैसे निन्दा है, पुरुषोत्तम मास की दृष्टि से इसकी प्राकृतिक बड़ी महिमा है। 

अधिमास ने तपस्या कर भगवान् विष्णु से उनका ‘पुरुषोत्तमनाम’ गोचरव‍ प्राप्त किया था। 

भगवान् कृष्ण ने इसको अपना नाम देकर कहा-सद्गुणों, कीर्ति, प्रभाव, पराक्रम, भक्तों को वरदान देने आदि जितने भी गुण मुझमें हैं और उनसे जिस सभी यू प्रकार मैं विश्व में पुरुषोत्तम के नाम से विख्यात हूँ,

उसी प्रकार यह मलमास भी भूतल रहेंगी। पर ‘पुरुषोत्तम’ नाम से प्रसिद्ध होगा

अधिक मास के आने पर जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति पूर्वक व्रत उपवास श्री विष्णु पूजन पाठ दान आदि सुखराम करता है वह मनोवांछित फल प्राप्त कर लेता है

इस बार सावन एक की बजाय दो महीना का होने वाला है। यानी इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 8 सोमवार मिलेंगे

सावन सोमवार का महत्व

कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है साथ ही जीवन में सुख समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। 

सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

सावन मास के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और उन्हें धतूरा, बेलपत्र, अक्षत, चंदन, शहद इत्यादि जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं

आरोग्यता और समृद्धि के लिए प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव को जल में तिल मिलाकर अर्पित करें। साथ ही दांपत्य जीवन में समृधि के लिए शिव जी और माता पार्वती को चावल की खीर का भोग लगाएं।

जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है।वह जातक सावन के महीने में पूजा अनुष्ठान करके सभी समस्याओं से निजात पा सकता है।

कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है ऐसे में जल्द से जल्द इसका निवारण होना बेहद जरूरी है।

 उपाय। काल सर्प दोष के प्रभाव को कुछ कम करने के आसान उपाय।

1) काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति पूरे सावन में मंदिर में जाकर रोजाना शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए।

2) प्रदोष तिथि के दिन शिव मंदिर में रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है।

3) इसके अलावा उस व्यक्ति को रोजाना कुलदेवता की रोजाना प्रतिदिन आराधना करनी चाहिए

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